vakya kise kahate hai | वाक्य किसे कहते हैं परिभाषा भेद और उदाहरण

vakya kise kehte hain | वाक्य किसे कहते है

 

vakya kise kehte hain: आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की वाक्य किसे कहते है। इस लेख के माध्यम से आप जान सकेंगे की वाक्य किसे कहते है उसकी परिभाषा क्या है और वाक्य के भेद (vakya ke bhed in hindi) कितने होते है।(vakya kise kehte hain)

 

vakya kise kehte hain


वाक्य किसे कहते है | वाक्य की परिभाषा

 

वर्ण शब्द की सबसे छोटी इकाई होती है, शब्द वाक्य की और वाक्य भाषा की सबसे छोटी इकाई है। वाक्यों का योग भाषा को स्पष्ट करता है।

"शब्दों के क्रमबद्ध समूह को हम वाक्य कहते है।"

वाक्य के दो भेद होते है -

  • उद्देश्य
  • विधेय

 

उद्देश्य और विधेय किसे कहते है

 

उद्देश्य - किसी वाक्य में किसी वास्तु या व्यक्ति के बारे में बात की जाये तो उस व्यक्ति या वास्तु को दर्शाने  के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें उद्देश्य कहते है।  

 

उदाहरण:-

  • राजेश दिल्ली में रहता है।
  • प्रियेश दौड़ रहा है।
  • राधा चाय बना रही है।

 

इन सभी वाक्यों में राजेश, प्रियेश, राधा उद्देश्य है क्योकि इनके ही बारे में बात की जा रही है।

 

विधेय - उद्देश्य के बारे में जो भी बात कही जाती है उन्हें दर्शाने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें विधेय कहते है।

 

उदाहरण:-

  • राजेश दिल्ली में रहता है।
  • प्रियेश दौड़ रहा है।
  • राधा चाय बना रही है।

 

इन सभी वाक्यों में दिल्ली, दौड़, चाय ये सभी विधेय है।

 

वाक्य के प्रकार एवं भेद 

मुख्य रूप से वाक्य तीन प्रकार के होते है -

01. प्रयोग / संरचना के आधार पर

02. क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद

03. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

 

01. प्रयोग व संरचना के आधार पर

 

संरचना / प्रयोग के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते है जो की निम्नलिखित है -

  • साधारण (सरल) वाक्य
  • संयुक्त वाक्य
  • मिश्रित वाक्य

 

साधारण (सरल) वाक्य किसे कहते है

 

ऐसे वाक्य जिनमे एक उद्देश्य और एक ही विधेय हो उन्हें साधारण वाक्य कहते है। या हम कह सकते है ऐसे वाक्य जिनमे एक ही क्रिया/कर्म हो उसे साधारण या सरल वाक्य कहते है।

 

उदाहरण:-

  • राम बाजार जाता है।
  • प्रिया स्कूल जाती है।
  • सीमा घर जा रही है।
  • रवि गीता पढता है।

 

उपरोक्त सभी वाक्यों में आप देख सकते है की एक ही कर्ता (राम, प्रिया, सीमा, रवि) एक क्रिया (जाता है, जाती है, जा रही है, पढता है), और एक ही कर्म (बाजार, स्कूल, घर आदि) है, ऐसे ही वाक्य साधारण वाक्य कहलाते है।

 

 

संयुक्त वाक्य किसे कहते है

 

एकाधिक कर्ता, क्रिया, कर्म वाला वह बड़ा वाक्य जो समुच्चय बोधक अव्ययों से जुड़ा रहता है संयुक्त वाक्य कहलाता है।

 

उदाहरण:-

  • वह गरीब है किन्तु वह ईमानदार है।
  • सीमा खाना बना रही है और रीमा खाना खा रही है।
  • तुम जा रहे हो और मैं अब आ रहा हूँ।
  • रवि चला गया और रावी आ गयी।

 

 

मिश्रित वाक्य किसे कहते है

 

परस्पर जुड़े दो या अधिक वाक्य जो अर्थ के लिए स्वतंत्र न होकर परस्पर निर्भर हो, मिश्र वाक्य कहलाते है।

दो परस्पर जुड़े वाक्य अर्थ के लिए परस्पर निर्भर रहते है। एक के बिना दूसरे वाक्य का अर्थ ही नहीं निकलता है। ऐसे ही वाक्य मिश्रित वाक्य कहलाते है।

 

उदाहरण:-

  • जो परिश्रम नहीं करते वे सफलता नहीं पाते।
  • मैं अच्छी तरह से जानता हूँ की तुम क्या चाहते हो।
  • जिसकी लाठी उसकी भैंस।

 

 

02. क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद

अगर हम क्रिया के आधार पर देखे तो वाक्य के तीन भेद होते है जो की निम्नलिखित है-

  • कर्तृ वाच्य
  • कर्म वाच्य
  • भाव वाच्य

 

कर्तृ वाच्य किसे कहते है

कर्तृवाच्य क्रिया का वह रूप होता है जो की क्रिया का फल सीधे कर्ता पर पड़ना दर्शाता है।

 

उदाहरण:-

  • राम ने रावण को _मारा।
  • मैं एक पत्र _लिखता हूँ।

 

इन वाक्यों में कर्ता राम, मैं, वह प्रधान है उनके द्वारा क्रिया की जा रही है। अतः वाक्य 'कर्तृ वाच्य' में है।

 

कर्म वाच्य किसे कहते है

क्रिया का वह रूप है जो क्रिया का फल सीधे कर्म पर होना दर्शाता है उसे कर्म वाच्य कहते है।

 

उदाहरण:-

  • रावण को राम द्वारा _मारा गया।
  • एक पत्र मेरे द्वारा _लिखा जाता है।

 

वाक्यों में कर्ता प्रधान न होकर कर्म प्रधान है, क्योकि करता को हटाकर कर्म-संज्ञाएँ उसके स्थान पर आई है। अतः ये वाक्य कर्म प्रधान होकर कर्म वाच्य में है।

 

भाव वाच्य  किसे कहते है

जब क्रिया कर्ता, कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होती है, वहाँ भाव वाच्य होता है।

 

उदाहरण:-

  • अब खेला जाए।
  • आज पत्र लिखा जाए।

 

इन वाक्यों में खेलने, लिखने, व बोलने के भाव व्यक्त किये गए है। कार्य का कर्ता, कर्म अनुपस्थित है , अतः क्रियाएँ भाव वाच्य में है।

 

03. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अगर हम अर्थ के आधार पर बात करे तो वाक्य के आठ भेद होते है -

(1) विधानार्थक

(2) नकारात्मक

(3) प्रश्नवाचक

(4) आज्ञार्थक

(5) इच्छार्थक

(6) विस्मार्थक

(7) सन्देहार्थक

(8) संकेतार्थक

 


(1) विधानार्थक वाक्य

सरल या साधारण वाक्य के नाम से चिर परिचित वाक्य यह वाक्य -

(1) सामान्य परिचयात्मक (2) किसी प्रश्न का उत्तर

(3) किसी घटना की जानकारी (4) विश्वव्यापी सत्यों का प्रस्तुतीकरण करता है।

 

उदाहरण -

  • यह मेरा मित्र मोहन है। (परिचय)
  • राम राजा दशरथ के पुत्र थे। (उत्तर)
  • मोहन की साइकल पेड़ से टकरा गई। (घटना)
  • धरती सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। (वैज्ञानिक तथ्य)

 

(2) नकारात्मक (निषेधात्मक वाक्य)

इस वाक्य से इन्कार प्रकट होता है, उसे नकारात्मक वाक्य कहते हैं। न, नहीं, मत आदि शब्द इन्कार के परिचयात्मक शब्द हैं जो नकारात्मक वाक्य में प्रयुक्त होते हैं।

उदाहरण -

  • मोहन मेरा मित्र नहीं है।
  • रोको, मत जाने दो।

 

(3) प्रश्नार्थक वाक्य

किसी विषय पर प्रश्न करने वाले वाक्य प्रश्नार्थक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण -

  • आपका नाम क्या है ?
  • आप कौनसी कक्षा में पढ़ती हैं ?

 

(4) इच्छार्थक वाक्य

शुभ कामना, इच्छा प्रकट करने वाले वाक्य इच्छार्थक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण -

  • भगवान तुम्हारा भला करे।
  • ईश्वर ऐसी सुशील सन्तान सभी को दे।

 

(5) आज्ञार्थक वाक्य

जिस वाक्य से आदेश, निर्देश प्रकट हों उसे आज्ञार्थक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • जाइए, अपना काम कीजिए।
  • देखिए, अपना और मेरा समय नष्ट मत कीजिए।

 

(6) विस्मयार्थक वाक्य

जिस वाक्य से घृणा, हर्ष, शोकादि भावों का बोध हो उसे विस्मयार्थक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • अहा ! कितना सुन्दर बालक है।
  • ओह ! दर्द के मारे सिर फटा जा रहा है।

 

(7) सन्देहार्थक वाक्य

जिस वाक्य से किसी प्रकार का सन्देह प्रकट हो उसे सन्देहार्थक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • शायद वह आता ही होगा।
  • शायद वह रुपए चुका ही दे।

 

(8) संकेतार्थक वाक्य

जिस वाक्य से शर्त, सम्भावना, अपेक्षा प्रकट हो उसे संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण-

  • मेहनत करो वर्ना फेल हो जाओगे।
  • कठिन श्रम करो तभी पास होगे।


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