avtaran chinh (अवतरण चिन्ह)
avtaran chinh :आज के इस लेख में हम आपको अवतरण या उद्धरण चिन्ह चिन्ह के बारे में बताने वाले है। इस चिन्ह का प्रयोग किस प्रकार के वाक्यों के लिए किया जाता है और ये कितने प्रकार के होते है।
अगर आप ये सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
अवतरण चिन्ह (avtaran chinh) की परिभाषा
जब किसी व्यक्ति की बात या कथन को उसी के शब्दों में लिखना होता है तब इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। यह चिन्ह वाक्य के आदि और अंत में लगाया जाता है। avtaran chinh in hindi
हिंदी में इस चिन्ह के अन्य नाम भी है। जैसे - उल्टा विराम, युगल-पाश, आदि।
जैसे अगर कोई नारा या कथन किसी महान पुरुष ने दिया है और हम उसे उसी तरह प्रकट करना चाहते है तब इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
अवतरण चिन्ह (avtaran chinh) के उदाहरण
- 'गोदान' मुंशी प्रेमचंद जी का प्रसिद्ध उपन्यास है।
- 'ईदगाह' मुंशी प्रेमचंद जी का प्रसिद्ध उपन्यास है।
- 'निराला' हिंदी साहित्य के महान कवि थे।
- "दिल्ली चलो" सुभाषचंद्र बोस ने कहा था।
अवतरण चिन्ह (avtaran chinh) के वाक्य
- प्रिया के 'हाथ' में गहरी चोट लगी है।
- “अहिंसा परमोधर्म: ।”
- रमेश में मुझसे कहा, “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ।”
- आज के समय में 'जागरूक' होना आवश्यक है।
अवतरण या उद्धरण चिन्ह (avtaran ya udharan chinh) के प्रकार
अवतरण चिन्ह के दो प्रकार होते हैं जो की निम्नलिखित है :-
- इकहरा अवतरण चिन्ह
- दुहरा अवतरण चिन्ह
इकहरे और दुहरे अवतरण चिन्ह में यह अंतर है की जब किसी उद्धरण को लिखना होता है तो दोहरे चिन्ह लगाए जाते है, किन्तु वाक्य के मध्य में यदि आवश्यकता हुई तो इकहरे उद्धरण चिन्ह को लगाया जाता है।
इकहरा अवतरण चिन्ह (Ikhara Avtaran Chinh):
इकहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किसी विशेष व्यक्ति, ग्रन्थ, नाम और उपनाम आदि को प्रकट करने के लिए किया जाता है। इकहरा अवतरण का संकेत चिन्ह (‘ ‘) है।
(Ikhara Avtaran Chinh) इकहरा अवतरण चिन्ह के उदाहरण
- 'निराला' हिंदी साहित्य के महान कवि थे।
- 'महादेवी वर्मा' महान कवियित्री थी।
- राम जिस पत्रिका का संपादक है उसका नाम 'दैनिक भास्कर' है।
- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ।
इकहरा अवतरण चिन्ह (Ikhara Avtaran Chinh) का प्रयोग
1. किसी वाक्य में किसी शब्द, अक्षर, या वाक्यांशों के उल्लेखित करने के लिए इकहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- ‘ॠ’, ‘अ’ आदि।
- दुनिया में सच्चा ईमान 'मानव धर्म' है।
2. किसी कविता का शीर्षक, कवि का उपनाम, पत्र-पत्रिका का शीर्षक इस प्रकार की चीजों को उल्लेखित करने के लिए इकहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- 'गोदान' मुंशी प्रेमचंद जी का प्रसिद्ध उपन्यास है।
- 'दैनिक भास्कर' हिंदी का बहुत अच्छा अख़बार है।
दुहरा अवतरण चिन्ह (Duhara Avtaran Chinh):
किसी बात या वाक्य को ज्यों का त्यों लिखने के लिए दुहरा अवतरण चिन्ह के प्रयोग किया जाता है। दुहरा अवतरण चिन्ह का संकेत (” “) होता है।
किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति की बात या कोई कथन या मुहावरा कहने के लिए दुहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
दुहरा अवतरण चिन्ह (Duhara Avtaran Chinh) के उदाहरण
- "दिल्ली चलो" सुभाषचंद्र बोस ने कहा था।
- "दुनिया में सच्चा ईमान 'मानव धर्म' है। "
- सुभाषचंद्र बोस ने कहा था "तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आज़ादी दूंगा। "
दुहरा अवतरण चिन्ह (Duhara Avtaran Chinh) का प्रयोग
1. किसी मुहावरे, लोकोक्ति या किसी के द्वारा कहे गए कथन को ज्यों ता त्यों लिखने के लिए दुहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- सुभाषचंद्र बोस ने कहा था "तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आज़ादी दूंगा।
- प्रिया ने राधा की बाते सुनकर कहा "अपने मुँह मिया मिट्ठू"।
- "करे कोई भरे कोई " ।
2. संज्ञा वाले वाक्य में मुख्य वाक्य के पहले भी कई बार दुहरा अवतरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- "मैं तुमसे प्यार करता हूँ ", यह बात सिर्फ तुम और मैं जानते है।