tatpurush samas | तत्पुरुष समास किसे कहते है : परिभाषा भेद और उदाहरण

tatpurush samas (तत्पुरुष समास)

tatpurush samas: आज के इस लेख में हम आपको समास के एक भेद तत्पुरुष समास के बारे में बताने वाले है। समास के कुल 6 भेद होते है उन्ही में से एक है तत्पुरुष समास। इस लेख में हम आपको तत्पुरुष समास किसे कहते है  (tatpurush samas kise kahate hain) उसकी परिभाषा (tatpurush samas ki paribhasha) , उदाहरण (tatpurush samas examples) और भेद (tatpurush samas ke bhed).

 

tatpurush samas


तत्पुरुष समास किसे कहते है (tatpurush samas kise kahate hain)

tatpurush samas ki paribhasha: इस समास का उत्तर पद या अंतिम पद प्रधान होता है। या सरल शब्दों में कहे तो समास का वह स्वरुप जिसमे दोनों पद संज्ञा हो और उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते है।

इस समास में कारक चिन्हो का उपयोग किया जाता है।

 

तत्पुरुष समास के उदाहरण (tatpurush samas examples)

 

  • राजकुमार - राजा का कुमार
  • रसोईघर - रसोई के लिए घर
  • पथ से भ्रष्ट - पथभ्रष्ट 
  • विद्यालय - विद्या के लिए आलय
  • हथकड़ी - हाथों के लिए कड़ी
  • गुणरहित - गुण से रहित
  • आत्मनिर्भर - स्वयं पर निर्भर
  • आपबीती - अपने पर बीती हुई
  • पापमुक्त - पाप से मुक्त
  • चर्मरोग - चर्म का रोग
  • राजसभा - राजा की सभा
  • अकालपीड़ित - अकाल से पीड़ित
  • जन्मान्ध - जन्म से अन्धा

 

तत्पुरुष समास के भेद (tatpurush samas ke bhed)


मूल भाषा और संस्कृत भाषा में तत्पुरुष समास के दो भेद होते है :-

  • व्याधिकरण तत्पुरुष समास
  • समानाधिकरण तत्पुरुष समास

 

व्याधिकरण तत्पुरुष समास

समास का वह रूप जिसमे समास विग्रह करते समय पूर्व पद और उत्तर (पर) पद के साथ में अलग-अलग विभक्तियों का प्रयोग किया जाता व्याधिकरण तत्पुरुष समास  कहते है।

इस समास को केवल तत्पुरुष समास भी कहते है।

 

व्याधिकरण तत्पुरुष समास के भेद

  • कर्म तत्पुरुष
  • करण तत्पुरुष
  • संप्रदान तत्पुरुष
  • अपादान तत्पुरुष
  • संबंध तत्पुरुष
  • अधिकरण तत्पुरुष

 

कर्म तत्पुरुष

जिस समास में कर्म कारक के कारक चिन्ह (को) का लोप होता है उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते है। 

 

उदाहरण :-

  • गृहागत - गृह को आगत
  • कठफोड़ा - काठ को फ़ोड़नेवाला
  • जेबकतरा - जेब को कतरने वाला
  • गगनचुम्बी - गगन को चूमने वाला
  • परलोकगमन - परलोक को गमन
  • यशप्राप्त - यश को प्राप्त
  • ग्रंथकार - ग्रंथ को लिखने वाला
  • हस्तगत - हस्त को गया हुआ
  • मरणासन्न - मरण को पहुँचा हुआ
  • माखनचोर - माखन को चुराने वाला

 

करण तत्पुरुष

जिस समास में कर्म कारक के कारक चिन्ह (से/द्वारा) का लोप होता है उसे करण तत्पुरुष समास कहते है।

 

उदाहरण :-

  • गुणयुक्त - गुण से युक्त
  • तुलसीकृत - तुलसी द्वारा कृत
  • आँखोंदेखी - आँखों से देखी
  • दयार्द्र - दया से आर्द्र
  • मनमाना - मन से माना
  • स्वरचित - स्व द्वारा रचित
  • हस्तलिखित - हस्त से लिखित
  • गुरुदत्त - गुरु द्वारा दत्त
  • शोकातूर - शोक से आतुर
  • रत्न जड़ित - रत्नों से जड़ित

 

संप्रदान तत्पुरुष

जिस समास में कर्म कारक के कारक चिन्ह (के लिए) का लोप होता है उसे संप्रदान तत्पुरुष सामस कहते है।

 

उदाहरण :-

  • विद्यालय - विद्या के लिए आलय
  • रणभूमि - रण के लिए भूमि
  • रसोईघर - रसोई के लिए घर
  • देवालय - देवता के लिए आलय
  • गृहस्थाश्रम - गृहस्थ के लिए आश्रम
  • डाकगाड़ी - डाक के लिए गाड़ी
  • मालगोदाम - माल के लिए गोदाम
  • देशार्पण - देश के लिए अर्पण
  • देशभक्ति - देश के लिए भक्ति
  • सत्याग्रह - सत्य के लिए आग्रह

 

अपादान तत्पुरुष

जिस समास में कर्म कारक के कारक चिन्ह (अलग होने के अर्थ में) का लोप होता है उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते है।

 

उदाहरण :-

  • धनहीन - धन से हीन
  • देशनिकाला - देश से निकाला
  • भयभीत - भय से भीत
  • ऋणमुक्त - ऋण से मुक्त
  • धर्मभ्रष्ट - धर्म से भ्रष्ट
  • जीवनमुक्त - जीवन से मुक्त
  • सेवानिवृत्त - सेवा से निवृत्त
  • बन्धनमुक्त - बन्धन से मुक्त
  • लक्ष्यभ्रष्ट - लक्ष्य से भ्रष्ट
  • नेत्रहीन - नेत्र से हीन

 

संबंध तत्पुरुष

जिस समास में कर्म कारक के कारक चिन्ह (का, के, की) का लोप होता है उसे संबंध तत्पुरुष समास कहते है।

 

उदाहरण :-

  • अंगदान - अंग का दान
  • भूदान - भू का दान
  • भारतरत्न - भारत का रत्न
  • गंगातट - गंगा का तट
  • राजनीतिज - राजनीति का ज्ञाता
  • जीवनसाथी - जीवन का साथी
  • लखपति - लाखों का पति
  • राष्ट्रपति - राष्ट्र का पति
  • फलाहार - फल का आहार
  • पराधीन - पर के अधीन

 

अधिकरण तत्पुरुष

जिस समास के कर्म कारक के कारक चिन्ह (में, पर) का लोप होता है उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते है।

 

उदाहरण :-

  • जलज - जल में जन्मा
  • आपबीती - आप पर बीती
  • वनवास - वन में वास
  • कलाप्रवीण - कला में प्रवीण
  • अज्ञातवास - अज्ञात में वास
  • ध्यानमग्न - ध्यान में मग्न
  • आत्मविश्वास - आत्म पर विश्वास
  • घुड़सवार - घोड़े पर सवार
  • कर्मलीन - कर्म में लीन
  • कुलश्रेष्ठ - कुल में श्रेष्ठ

 

समानाधिकरण तत्पुरुष समास

 

समास का वह रूप जिसमे समास विग्रह करते समय पूर्व पद और उत्तर (पर) पद में एक ही विभक्ती का प्रयोग किया जाता समानाधिकरण तत्पुरुष समास कहते है।

 

  • नञ् तत्पुरुष
  • उपपद तत्पुरुष
  • लुप्तपद तत्पुरुष
  • कर्मधारय तत्पुरुष समास
  • द्विगु तत्पुरुष समास

 

नञ् तत्पुरुष

जब सामासिक पद में प्रथम पद के रूप में  अ / अन् / अन / न / ना आदि को जोड़ा जाता है। नञ् तत्पुरुष समास निषेध (नकारात्मक) के अर्थ में होता है।

 

उदाहरण :-

  • अनहोनी - न होनी
  • अनर्थ - न अर्थ
  • अकारण - न कारण
  • अनादि - न आदि
  • अजर - न जर
  • अब्राह्मण - न ब्राह्मण
  • नास्तिक - न आस्तिक
  • अनजान - न जान
  • अनुपयोगी - न उपयोगी
  • अमर - न मर

 

उपपद तत्पुरुष

समास का ऐसा रूप जिसका उत्तर पद भाषा में स्वत्रंत रूप से प्रयुक्त नहीं होता बल्कि प्रत्यय के रूप में प्रयोग किया जाता है उसे उपपद तत्पुरुष समास कहते है।

 

उदाहरण :-

  • मर्मज्ञ - मर्म को जानने वाला
  • कुंभकार - कुंभ को करने वाला
  • पंकज - पंक में जन्म लेने वाला
  • उत्तरदायी - उत्तर देने वाला
  • स्वर्णकार - स्वर्ण का कार करने वाला
  • जलद - जल देने वाला
  • जलज - जल में जन्म लेने वाला 
  • दु:खदायी - दुःख देने वाला
  • लाभप्रद - लाभ प्रदान करने वाला
  • चर्मकार - चर्म का कार्य करने वाला

 

लुप्तपद तत्पुरुष

समास का ऐसा रूप जिसमे पूर्व और उत्तर पद के मध्य कारक चिन्ह के साथ में अन्य पदों का भी लोभ होता है उसे लुप्तपद तत्पुरुष समास कहते है। इस समास को मध्यमपदलोपी समास भी कहते है।

 

उदाहरण :-

  • ऊँटगाड़ी - ऊँट से चलने वाली गाड़ी
  • तुलादान - तुला से बराबर करके दिया जाने वाला दान
  • दहीबड़ा - दही में डूबा हआ बड़ा
  • पवनचक्की - पवन से चलने वाली चक्की
  • वनमानुष - वन में रहने वाला मानुष
  • पवनचक्की - पवन से चलने वाली चक्की
  • रेलगाड़ी - रेल पर चलने वाली गाड़ी
  • बैलगाड़ी - बैल से चलने वाली गाड़ी

 

NOTE: - कर्मधारय और द्विगु समास के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे।


कर्मधारय तत्पुरुष समास

द्विगु तत्पुरुष समास

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