purn viram chinh (पूर्ण विराम चिन्ह)
purn viram chinh: इस लेख में हम आपको पूर्ण विराम के बारे में बताने वाले है। पूर्ण विराम का प्रयोग कब कहा और किस तरह से किया जाता है, और इसका अर्थ क्या होता है।
पूर्ण विराम को अंग्रेजी में फुल स्टॉप कहते है। इसका प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है। कई बार हम देखते है की कुछ लोग पूर्ण विराम के स्थान पर अंग्रेजी के फुल स्टॉप का प्रयोग करते है जो की सही नहीं होता है।
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विराम चिन्ह के प्रकार और प्रयोग
पूर्ण विराम चिन्ह (purn viram chinh) की परिभाषा
वाक्य पूरा होने पर कुछ अधिक समय के लिए रुकना होता है, इसलिए प्रत्येक वाक्य की पूर्णता पर इस चिन्ह का प्रयोग करते है।
किसी भाषा या वाक्य को बोलते, लिखते या पढ़ते समय या अपनी बात को समझने के लिए अंत में थोड़ी देर रुकने को पूर्ण विराम कहते है और इसे ही चिन्ह के रूप में दर्शन पूर्ण विराम चिन्ह कहलाता है।
जैसे :-
देख्यो रूप अपार, मोहन सुन्दर श्याम को।
वह ब्रज राजकुमार, हिय-जिय नैनन में बस्यो।।
पूर्ण विराम चिन्ह (purn viram chinh) का प्रयोग
प्रश्नवाचक वाक्यों और विस्मयादिबोधक वाक्यों को छोड़कर बाकि सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- तुम शहर कब जाओगे ?
- हे राम ! सबको सदबुद्धि देना।
- अरे ! तुम यहाँ कैसे आये ?
- यह किसका घर है ?
- वह कहाँ जा रहा है ?
2. साधारण वाक्य, मिश्रित वाक्य तथा संयुक्त वाक्य के अन्त में पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :-
- सीमा खाना खाती है। (साधारण वाक्य)
- यदि तुम भी मेहनत नहीं करोगे तो निश्चित ही असफल हो जाओगे। (मिश्र वाक्य)
- जय चाय पी रहा है, विजय टीवी देख रहा है। (संयुक्त वाक्य)
3. अप्रत्यक्ष प्रश्नवाचक वाक्यों में भी पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग होता है। अर्थात ऐसे वाक्य जिनका भाव तो प्रश्नवाचक होता है परन्तु वे प्रश्नवाचक नहीं होते है।
उदाहरण :-
- मुझे नहीं पता काजू कतली किसने खाई।
- उसने बताया नहीं की वो कहा गया है।
4. दोहा, चौपाई, सोरठ आदि प्रकार के हिंदी पद्यांशों के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह का किया जाता है।
वेदो और पुराणों में आप पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग देख सकते है और इससे यह भी पता चलता है की इसका प्रतोग कोई आज से नहीं सालो पहले से किया जा रहा है।
उदाहरण :-
- दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
- चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।
5. समुच्चयबोधक अव्यय पदों के पहले भी पूर्ण विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(और, परन्तु, अथवा, इसलिए) ये सभी समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते है।
उदाहरण :-
- मै सुबह बहुत खुश था परन्तु उसने आ कर मुझे निराश कर दिया।
पूर्ण विराम चिन्ह के उदाहरण
- प्रेम घर जाता है।
- पेड़ से हमे फल प्राप्त होते है।
- चला जा।
- आ जा।
- चलो।
- पृथ्वी गोल है।
- रवि बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता है।
- महिमा पढाई में बहुत अछि है।
- ऊर्जा बहुत अच्छा टेनिस खेलती है।
इस सभी वाक्यों में बात या वाक्य के पुरे हो जाने पर पूर्ण विराम का प्रयोग किया गया है।
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