bhav vachak sangya | भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

bhav vachak sangya (भाववाचक संज्ञा)

bhav vachak sangya: आज के लेख में हम आपके साथ भाववाचक संज्ञा की संपूर्ण जानकारी विस्तारपूर्वक साझा करने वाले हैं। 


इस लेख में भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और भाववाचक संज्ञा  के उदाहरण बताने वाले है। संज्ञा हिंदी व्याकरण का एक महात्वपूर्ण विषय है और इस के संबंध में प्रश्न भी परीक्षा में पूछे जाते हैं।

 

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (definition of bhav vachak sangya)

ऐसे शब्द जो किसी भाव या दशा का बोध कराते हैं उन्हे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञा सदैव एकवचन में ही प्रयुक्त होती है या देखने मिलती है। 


जब किसी भाववाचक संज्ञा को बहुवचन में परिवर्तन करते हैं तो वो जातिवाचक संज्ञा बन जाती है।


जैसे - मिठाई से मीठास , मानव से मानवता , चोरी से चोरिया आदि।


ऐसे शब्द जो किसी वस्तु व्यक्ति या पदार्थ की दशा भाव या अवस्था का बोध कराते है उसे भाववाचक संज्ञा कहते है।


भाववाचक संज्ञा को अपनी आँखों से देखा नहीं जा सकता है इसे केवल महसूस किया जा सकता है। जैसे की हम मिठाई को खा सकते है पर वह कितनी मीठी है इसे हम केवल महसूस कर सकते है अर्थात उसकी मिठास को हम महसूस कर रहे ना की देख रहे है, अतः मिठास भाववाचक संज्ञा हुई।


इसी प्रकार अच्छाई, बुराई, मित्रता, मानवता, क्रोध, नम्रता, जवानी, मोटापा, अपनापन, परायापन, अहंकार, बुढ़ापा, भूख, प्यास, इत्यादि।  


bhav vachak sangya


NOTE: संज्ञा की सम्पूर्ण और विस्तृत जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करे।

संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण



भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Examples of bhav vachak sangya)

इन निम्नलिखित उदाहरणों में माध्यम से आप आसानी से भाव वाचक संज्ञा को समझ सकते है।

  • सविता को क्रोध बहुत आता है।
  • मैं बहुत गुस्सा हूँ।

इन वाक्यों में क्रोध और गुस्सा एक भाव प्रकट कर रहा है अर्थात क्रोध और गुस्सा एक भाववाचक संज्ञा है।

 

  • सोहन एक चापलूस लड़का है।

इसमें चापलूस शब्द एक भाव प्रकट कर है, अर्थात क्रोध और गुस्सा एक भाववाचक संज्ञा है। 

 

  • कविता की लम्बाई अनिल से अधिक है।

यंहा पर लम्बाई एक अलग भाव प्रकट कर रही है, अर्थात क्रोध और गुस्सा एक भाववाचक संज्ञा है। 

 

  • वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा है।

बचपन शब्द एक भाव पप्रकट कर रहा है, अर्थात क्रोध और गुस्सा एक भाववाचक संज्ञा है।

 

  • प्रमोद प्रेमा से प्रेम करता है।
  • मैं तुम्हे बहुत प्रेम से रखूँगा।

यहाँ पर इन दोनों वाक्यों में प्रेम शब्द एक भाव प्रकट कर रहा है, अर्थात क्रोध और गुस्सा एक भाववाचक संज्ञा है। 

 

 

भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण (bhav vachak sangya)

भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, विशेषण, संज्ञा, सर्वनाम, अव्यय शब्दों में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है।

 

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना :

जातिवाचक संज्ञा शब्दों में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

 

बच्चा + पन       बचपन

मुर्ख + ता          मूर्खता

युवा + अन        यौवन

बालक + पन      बालकपन

पुरुष + अ         पौरुष

पुरुष + त्व         पुरुषत्व

 

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना :

सर्वनाम शब्दों के साथ में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

 

अपना + पन        अपनापन

अपना + त्व         अपनत्व

मम + ता             ममता

मम + त्व             ममत्व

अहम् + कार        अहंकार

निज     + त्व        निजत्व

स्व  + त्व              स्वत्व

 

विशेषण से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना :

विशेषण शब्दों के साथ में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

 

अच्छा + आई        अच्छाई

बड़ा + आई          बड़ाई

सुंदर + ता            सुंदरता

सुंदर + य             सौंदर्य

मीठा + आस         मिठास

मूर्ख     + ता         मूर्खता

कायर + ता          कायरता

गंभीर + ता          गंभीरता

गोरा + पन           गोरापन

 

क्रिया से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना :

क्रिया के साथ में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

 

चढ़ (ना) + आव         चढ़ाव

चढ़ (ना) + आई         चढ़ाई

काट (ना) + आई        कटाई

लिख (ना) + आवट     लिखावट

लड़ (ना) + आई         लड़ाई

पढ़ (ना) + आई          पढ़ाई

बना (ना) + आवट       बनावट

बना (ना) + आई         बनाई

 

अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना :

अव्यय शब्दों के साथ में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है।

 

दूर + ई             दूरी

समीप + ता        समीपता

निकट + ता        निकटता

नजदीक + ई      नजदीकी

परस्पर              पारस्पर्य

निकट               नैकट्य

धिक्                 धिक्कार

मना                  मनाही




यह भी पढ़े :- 

संज्ञा और उसके भेद

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा

Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !