tadbhav tatsam shabd Hindi (तद्भव तत्सम शब्द )
tadbhav tatsam shabd Hindi: आज के इस लेख में हम आपको तत्सम और तद्भव शब्द के बारे में सम्पूर्ण और विस्तृत रूप से जानकारी देने वाले है। परीक्षा की दृष्टि से यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण टॉपिक है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे तत्सम और तद्भव शब्द (tatsam aur tadbhav shabd) किसे कहते है अर्थात इनकी परिभाषा और कुछ शब्दों से भी परिचित करवाएंगे।
तत्सम शब्द किसे कहते है (tatsam shabd kise kehte hai)
परिभाषा: तत्सम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है " तत् + सम = तत्सम " जिसका अर्थ होता है 'यथावत', उसके समान, वही, ज्यों का त्यों। हिंदी शब्दों का मूल स्त्रोत संस्कृत है। हिंदी में तत्सम शब्द से तात्पर्य संस्कृत या अन्य भाषाओ के उन शब्दों से जो मूल रूप में वैसे के वैसे ही हिंदी में आये है।
" संस्कृत के शब्द हिंदी में यथावत प्रयुक्त होने वाले शब्दों को 'तत्सम' तत्सम शब्द कहते है। "
जैसे :- तीर्थ, पुराण, पदार्थ, उद्धव, यम, हस्त, अंक, अज्ञान, अमूल्य, नाश, आशीष, कृश आदि।
तद्भव शब्द किसे कहते है (tadbhav shabd kise kehte hai)
परिभाषा: तद्भव शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है "तत् + भव = तद्भव " जिसका अर्थ होता है 'वह' , 'भव' और इसका अर्थ होता है उत्पन्न। तद्भव शब्द से तात्पर्य उस शब्द से है जो संस्कृत के उत्पन्न हुए है और जिन्हे हिंदी ने आंशिक परिवर्तन के साथ अपना लिया है।
" तद्भव शब्द संस्कृत या अन्य भाषाओ के वे शब्द होते है जिन्हे हिंदी भाषा में कुछ परिवर्तन करके अपना लिया जाता है। "
जैसे :- नींद, बालू, फेफड़ा, किवाड़, नया, अंदर, कुम्हार, बौना, तुरंत, कंधा, सिर, मोती, फूल, मोर, घर, आदि।
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम
01. तत्सम शब्दों के अंत में 'क्ष' वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों के अंत में 'क्ष' बदलकर ‘ख’ या ‘छ’ हो जाता है।
जैसे:- पंक्षी - पंछी, भिक्षा का भीख, लक्षण का लच्छन, इक्षु का ईख, लक्ष्मण का लखन, आदि।
02. तत्सम शब्दों में ‘श्र’ वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘श्र’ बदलकर ‘स’ हो जाता है।
जैसे:- धन्नश्रेष्ठी का धन्नासेठी, श्रावण का सावन, श्रेष्ठी का सेठ, शिक्षा का सीख आदि।
03. तत्सम शब्दों में ‘श’ वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘श’ बदलकर ‘स' हो जाता है।
जैसे:- दिपशलाका का दिया सलाई, शुष्क का सूखा, शय्या का सेज, शुण्ड का सूँड़, शाप का सराप आदि।
04. तत्सम शब्दों में 'ष' वर्ण का प्रयोग भी होता है।
जैसे:- मुषल, कृषक, पुष्कर, पृष्ठ, श्रेष्ठी, इष्टिका, ओष्ठ, चतुष्पादिका, अंगुष्ट, कुष्ठ, अष्ट, सर्षप आदि।
05. तत्सम शब्दों में 'व' वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्द में 'व' बदलकर 'ब' हो कटा है।
जैसे:- वरयात्रा का बरात, वधू का बहू, वन का बन, वणिक का बनिया, वृद्ध का बूढ़ा, वत्स – बच्चा, आदि।
06. तत्सम शब्दों में 'ऋ' और 'त्र' वर्ण का प्रयोग होता है। जैसे:- कृतगृह, पत्र, रात्रि, मातृ, पितृ, मित्र, मात्रा आदि।
07. तत्सम शब्दों में 'र' वर्ण का प्रयोग होता है। जैसे:- आम्र, आश्चर्य, स्वर्ण, पूर्णिमा आदि।
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