hindi gender ling
hindi gender ling: इस लेख में हम हिंदी व्याकरण के लिंग की परिभाषा , प्रकार और उदाहरण के बारे में जानेंगे। हिंदी में लिंग के आधार पर जिस भी जो बदलाव होता है वो या तो स्त्री जाति या पुरुष जाति के रूप में होता है।
हिंदी भाषा में नपुंसक लिंग का चलन नहीं है।
हिंदी भाषा की मूल भाषा संस्कृत है जिसमे लिंग के तीन भेद होते है परतु हिंदी भाषा में केवल दो ही प्रकार के भेद होते है जिनके बारे हम आज पढ़ने जा रहे है।
लिंग (ling) की परिभाषा
संज्ञाओं में से अनेक को नर और मादा अर्थात स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में बांटा गया है। मादा जाति या स्त्रीलिंग संज्ञा स्त्री जाति का बोध कराती है और नर जाति या पुल्लिंग संज्ञा पुरुष जाती का बोध कराती है।
संज्ञा का ऐसा रूप जिसमे किसी व्यक्ति या वास्तु के स्त्री या पुरुष जाति होने का बोध होता है उसे लिंग कहते है।
लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है चिन्ह या निशान।
लिंग (ling) के भेद
हिंदी भाषा (व्यकरण) में लिंग के दो भेद होते है जो निम्नलिखित है :-
- स्त्रीलिंग
- पुल्लिंग
स्त्रीलिंग (striling):
स्त्रीलिंग की परिभाषा : जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का बोध होता है उन्हें स्त्रीलिंग कहते है। जैसे :- सीता, बकरी, गाय, छात्रा, अध्यापिका, मीना, इत्यादि।
पुल्लिंग (pulling):
पुल्लिंग की परिभाषा : जिन संज्ञा शब्दों से पुरुष जाति का बोध होता है उन्हें पुल्लिंग कहते है। जैसे :- राम, मुर्गा, बैल, काला, बकरा, शेर, छात्र, इत्यादि।
स्त्रीलिंग और पुल्लिंग शब्दों की सूची
पुल्लिंग (pulling) स्त्रीलिंग (striling)
माली मालिन
सुतार सुतारिन
धोबी धोबिन
नाई नाईन
काका काकी
कबुतर कबुतरनी
स्वामी स्वामिनी
सिंह सिंहनी
उँट उँट्नी
बाघ बाघिन
बच्छा बछिया
तपस्वी तपस्विनी
बूड्ढा बुढिया
बन्दर बन्दरिया
बेटा बिटिया
आशा करते है आपको hindi gender ling के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और समझ भी क्योकि हमने इसे बिलकुल ही आम भाषा में आपके सामने प्रस्तुत किया है।
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