bahuvrihi samas | बहुव्रीहि समास किसे कहते है : परिभाषा और उदाहरण

bahuvrihi samas (बहुव्रीहि समास)

 

bahuvrihi samas: आज के इस लेख में हम आपको बहुव्रीहि समास के बारे में बताने वाले है। समास के 6 भेद होते है। इन्ही भेदो में से एक होता है बहुव्रीहि समास जिसके बारे में हम आपको बताने वाले है।

 

इस लेख में आपको देखने को मिलेगा बहुव्रीहि समास की परिभाषा (bahuvrihi samas ki paribhasha), बहुव्रीहि समास किसे कहते है (bahuvrihi samas kise kahate hain) और बहुव्रीहि समास के उदाहरण (bahuvrihi samas ke udaharan).

 

अगर आप इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िएगा।


bahuvrihi samas


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समास की परिभाषा भेद और उदाहरण



बहुव्रीहि समास किसे कहते है (bahuvrihi samas kise kahate hain)

 

bahuvrihi samas ki paribhasha: जिस समास में अन्य पद प्रधान होता है, उसे बहुव्रीहि समास कहते है। इस समास में किसी वाक्य के दोनों पद प्रधान नहीं होते है कोई अन्य या तीसरे पद की प्रधानता रहती है।

 

इस समास का समास विग्रह करते समय वाला है, जो, जिसका, जिसके, जिसकी, आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 

 

 

बहुव्रीहि समास के उदाहरण (bahuvrihi samas ke udaharan)


  • पीताम्बर - पीत है अम्बर जिसके (विष्णु)
  • दशानन - दस है आनन जिसके (रावण)
  • लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका (गणेश)
  • उमेश - उमा का है ईश जो (शिव जी)
  • तिरंगा - तीन है रंग जिसमें (राष्ट्रध्वज)
  • दिनेश - दिन है ईश जो (सूर्य)
  • शूलपाणि - शूल है पाणि में जिसके (शिव जी)
  • त्रिनेत्र - तीन नेत्र है जिसके (शिव)
  • नीलकंठ - कंठ नीला है जिसका (शिव)
  • महात्मा - महान आत्मा है जिसकी (साधु)
  • वक्रोदर - वक्र है उदर जिसका (गणेश)
  • चंद्रमौली - चंद्र है मौली पर जिसके  (शिव जी)
  • शाखामृग - शाखा पर दौड़ता है जो मृग (बंदर)

 

संस्कृत व्याकरण या मूल व्याकरण में बहुव्रीहि समास के चार भेद होते है जो कुछ इस प्रकार है :- 1. समानाधिकरण बहुव्रीहि समास , 2. व्यधिकरण बहुव्रीहि समास , 3.  व्यतिहार बहुव्रीहि समास , 4. तुल्ययोग या सह बहुव्रीहि समास।

 

 

द्विगु , बहुव्रीहि और कर्मधारय समास में अंतर

 

  • यदि समास में संख्या हो और उसे संख्या के रूप में ग्रहण किया जाये तो द्विगु समास होगा।

 

  • यदि समास में विशेषण हो और उसे विशेषण के रूप में ग्रहण किया जाये तो कर्मधारय समास होगा।

 

  • यदि समास में संख्या या विशेषण हो पर उनका दूसरा ही अर्थ निकाला जाये (संख्या या विशेषण न माना जाये ) तो बहुव्रीहि समास होगा।

 

उदाहरण :-

 

1. घन  +  श्याम = घनश्याम  = काला बादल

  • यदि 'श्याम' घन का विशेषण है - 'काला' तो कर्मधारय समास होगा।
  • यदि 'घनश्याम' का अन्य अर्थ 'श्रीकृष्ण' है तो बहुव्रीहि समास होगा।

 

2. दशानन - दस है आनन जिसके

  • यदि 'दस' संख्या मानेंगे तो द्विगु समास।
  • यदि 'दशानन' का अन्य अर्थ - 'रावण' लेंगे तो बहुव्रीहि समास होगा।



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