Ayogwah kise kehte hai (अयोगवाह किसे कहते है)
Ayogwah kise kehte hai: ऐसे वर्ण जिनमे स्वर और व्यंजन दोनों के ही गुण पाए जाते है अयोगवाह कहलाते है।या ऐसे वर्ण जो न तो स्वर होते है और न ही व्यंजन होते है अयोगवाह कहलाते है।
हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन होते है कुल 51 वर्ण होते है। और इसके अतिरिक्त संयुक्त व्यंजन, अन्य व्यंजन और अयोगवाह भी होते है।
हिंदी में अयोगवाह की कुल संख्या 2 है। विसर्ग(अ:) और अनुस्वार(अं) अयोगवाह वर्ण होते है।
अयोगवाह की संख्या कितनी होती है
इन वर्णों की कुल संख्या 2 होती है। अनुस्वार(अं) व विसर्ग(अ:) अयोगवाह।
अयोगवाह वर्ण ना तो स्वर होते है और ना ही व्यंजन होते है या यू कहे की न तो ये पूर्ण रूप से स्वर होते है और न ही व्यंजन होते है। इनका प्रयोग दोनों के साथ में किया जा सकता है।
स्वर की परिभाषा के अनुसार स्वरों का उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है या किया जाता है परन्तु अनुस्वार(अं) व विसर्ग(अ:) का उच्चारण अन्य किसी वर्ण की सहायता के बिना नहीं किया जा सकता है और यह गुण व्यंजनों में होता है व्यंजन का उच्चारण करने के लिए स्वरों की सहायता लगती है।
इससे यह साबित होता है की अनुस्वार(अं) व विसर्ग(अ:) स्वर की परिभाषा को पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं है बल्कि इनमे व्यंजन के गुण पाए जाते है।
परन्तु जब अनुस्वार(अं) व विसर्ग(अ:) का प्रयोग व्यंजन के साथ किया जाता है तो ये अं और अ: वर्ण व्यंजनों का उच्चारण कर देते है। और व्यंजनों का उच्चारण स्वरों के साथ में ही किया जाता है।
इन सभी बातो का अंत में एक यही निष्कर्ष निकलता है की अं और अ: वर्ण न तो स्वर है न ही व्यंजन है बल्कि इन दोनों वर्णो में स्वर और व्यंजन दोनों के गुण पाए जाते है।
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