sanyukt vyanjan in hindi - उदाहरण के साथ सन्युक्त व्यंजन
Sanyukt vyanjan in hindi: सन्युक्त व्यंजन की परिभाषा जानने से पहले हम ये जान लेते हैं की व्यंजन किसे कहते हैं। तो हिंदी वर्णमाला में जिन वर्णो का उच्चारण स्वर के साथ किया जाता है उन्हें व्यंजन कहा जाता है।
लेखन के आधार पर व्यंजन 4 प्रकर के होते हैं:
- स्पर्श व्यंजन
- अन्तस्थ व्यंजन
- उष्म व्यंजन
- संयुक्त व्यंजन
संयुक्त व्यंजन की परिभाषा
उन व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन (combined consonants) कहा जाता है, जब दो या दो से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं वह संयुक्त व्यंजन कहलाते है।
जब दो व्यंजनों के बीच कोई स्वर नहीं होता है तो उन्हें मिलाकर लिखा जाता है इस प्रकार लिखे गए व्यंजन को संयुक्त व्यंजन कहलाते है।
संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है। क्ष – क् + ष + अ = क्ष त्र – त् + र् + अ = त्र ज्ञ – ज् + ञ + अ = ज्ञ श्र – श् + र् + अ = श्र
जैसे –
क्ष = क् + ष = अक्षय, क्षत्रिय, रक्षक
त्र = त् + र = मित्र, छात्र, त्रिशूल
ज्ञ = ज् + ञ = ज्ञान, यज्ञ, अज्ञात
श्र = श् + र = श्रम, आश्रम, श्रवण
कुछ लोग क्ष्, त्र्, और ज्ञ् को भी हिन्दी वर्णमाला में गिनते हैं, पर ये संयुक्त व्यंजन हैं। अतः इन्हें वर्णमाला में गिनना उचित नहीं होता।
Sanyukt Akshar Wale Shabd
त् + र = त्र = पत्र, मित्र, त्रिभुज
द् + र = प्र = द्र द्रोपदी, द्रुत, द्रोह
प् + र = प्र = प्रकाश, प्रचार, प्रयोग
र् + थ = र्थ = तीर्थ, अर्थ, स्वार्थ
र् + प = र्प = सर्प, दर्पण, चर्परा
र् + म = र्म = कर्म, धर्म, चर्म
र् + य = र्य = धैर्य, सूर्य, कार्य
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