Sahayak kriya (सहायक क्रिया)
Sahayak kriya: आज के इस लेख में हम आपको सहायक क्रिया के बारे में बताने जा रहे है। हिंदी व्याकरण से जुडी सभी प्रकार की जानकारी आपको इस पेज पर देखने मिल जाएगी।
और आज के इस लेख में हम सहायक क्रिया से अवगत करवाने वाले है।
सहायक क्रिया (Sahayak kriya)की परिभाषा
किसी वाक्य में मुख्य क्रिया की सहायता करने वाली क्रिया को सहायक क्रिया कहते है।
सामान्य भाषा में देखे तो किसी वाक्य पद जिनको मुख्य क्रिया के साथ जोड़ कर उनका अर्थ पूरा या वाक्य पूरा किया जाता है सहायक क्रिया कहलाती है।
सहायक क्रिया की सहायता से हम जान सकते है की कार्य किस काल में किया गया है या हो रहा है।
सहायक क्रिया के उदाहरण
- राम पढाई करता है।
- सीता सिलाई करती है।
- गाय को भूसा देना चाहिए।
- विजय भोपाल से आया है।
- कविता जाना जा रही है।
- बच्चे पार्क में खेलने लगे।
हम इस उदाहरण के माध्यम से अच्छे से समझते है की सहायक क्रिया क्या होती है।
- बच्चे पार्क में खेलने लगे।
इस वाक्य की मुख्य क्रिया है ‘खेलना ’ और सहायक क्रिया ‘लगे’ और यह वाक्य सहायक क्रिया ही मदद से ही पूरा होगा।
- अब एक और वाक्य लेते है जैसे, श्याम पढ़ रहा है।
इस वाक्य में मुख्य क्रिया है ' पढ़ ' और सहायक क्रिया है ' रहा है ' और इस वाक्य का काल वर्तमान है।
आशा करते है आपको (Sahayak kriya)सहायक क्रिया के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और समझ भी क्योकि हमने इसे बिलकुल ही आम भाषा में आपके सामने प्रस्तुत किया है।
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